Meeting in Jalandhar for IAMS

24 Jun, 2018

आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब का कार्यकर्त्ता  महासम्मेलन सभा कार्यालय गुरुदत्त भवन चौक किशनपुरा जालन्धर के सभागार में सभा प्रधान श्री सुदर्शन शर्मा जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ  यज्ञ ब्रह्मा श्री सुरेश शास्त्री द्वारा यज्ञ से हुआ। आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब के प्रधान श्री सुदर्शन शर्मा तथा आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के प्रधान मास्टर रामपाल आर्य ने यजमान पद को सुशोभित किया। कार्यकर्त्ता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली के प्रधान श्री सुरेश चन्द्र आर्य, आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के प्रधान मा.रामपाल आर्य, महामंत्री श्री उम्मेद शर्मा, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामंत्री श्री विनय आर्य और कोषाध्यक्ष श्री विद्यामित्र ठुकराल विशेष रूप से पधारे।  यह सम्मेलन पंजाब में अंधविश्वास के निर्मूलन और आर्य जनता में जागृति लाने के लिये बुलाया गया था जिसमें पंजाब की विभिन्न आर्य समाजों के लगभग 350 के करीब कार्यकर्त्ताओं ने भाग लिया। सबसे पहले आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब के प्रधान श्री सुदर्शन शर्मा, महामन्त्री श्री प्रेम भारद्वाज, उपप्रधान श्री सरदारी लाल, सभा कोषाध्यक्ष श्री सुधीर शर्मा, उपप्रधान चौधरी )षिपाल सिंह, उप प्रधान श्री स्वतन्त्र कुमार ने सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान श्री सुरेश चन्द्र आर्य, हरियाणा सभा के प्रधान श्री रामपाल आर्य, महामन्त्री श्री उम्मेद शर्मा, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामन्त्री श्री विनय आर्य, कोषाध्यक्ष श्री विद्यामित्र ठुकराल का पुष्पगुच्छ से सम्मान किया गया। तत्पश्चात् सभा के भजनोपदेशक श्री अरुण वेदालंकार ने प्रभु भक्ति एवं )षि महिमा के भजन सुनाकर सबको वेद मार्ग पर चलने का सन्देश दिया।  

आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब के प्रधान श्री सुदर्शन शर्मा ने सभी गणमान्य महानुभावों तथा पंजाब की समस्त आर्य समाजों से उपस्थित आर्य समाज के अधिकारियों का स्वागत किया। श्री सुदर्शन शर्मा ने कहा- आज आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब का इस कार्यकर्ता सम्मेलन को बुलाने का उद्देश्य यही है कि हम सभी एकजुट होकर अपने-अपने क्षेत्र में आर्य समाज का प्रचार एवं प्रसार करें। अपने-अपने क्षेत्र में आर्य समाज की गतिविधियों को बढ़ाएं, लोगों को धर्म के नाम पर हो रहे पाखण्ड और अन्धविश्वास से बचाएं। आज भी बहुत सा पाखण्ड और अन्धविश्वास फैल रहा है, रोज नए-नए बाबा धर्म के नाम पर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं और अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। भोली-भाली जनता इन बाबाओं के मोहपाश में फंसकर अपना शोषण करवा रही है। इसलिए आर्य समाज का यह परम कर्त्तव्य बन जाता है कि लोगों को उन पाखण्डियों के जाल से मुक्त करने के लिए उन्हें जागरूक करें। लोगों के बीच में यज्ञ करें, वैदिक साहित्य बाँटें। आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब के द्वारा सम्पूर्ण वैदिक साहित्य, वेदों के सैट, अन्य पुस्तकें  आधे मूल्य पर दी जाती हैं। 

मैं पंजाब की समस्त आर्य समाजों से अनुरोध करता हूँ कि 25 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2018 तक नईई दिल्ली में अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस महासम्मेलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेते हुए अपने संगठन की शक्ति और एकता का परिचय दें। हम सभी मिलकर पाखण्ड और अन्धविश्वास को दूर करते हुए अपने-अपने क्षेत्र में आर्य समाज का प्रचार और प्रसार बढ़ाएं। सभा के वरिष्ठ उपप्रधान श्री सरदारी लाल आर्य ने  अपना उद्बोधन करते हुए कहा कि वेद हमारा धर्म है, यज्ञ हमारी पहचान, ईईश हमारा ओ३म् है, आर्य हमारा नाम। मंच का संचालन कर रहे सभा के महामन्त्री श्री प्रेम भारद्वाज ने महाशय धर्मपाल जी द्वारा आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब के प्रधान श्री सुदर्शन शर्मा के नाम लिखा हुआ पत्र पढ़कर सुनाया। इस पत्र में उन्होंने अपनी शुभकामनाएं सभी आर्यजनों को दी थीं और इच्छा व्यक्त की थी कि संगठन की एकता से आर्य समाज नईई मजबूती के साथ उभर कर सामने आएगा। 

आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के महामन्त्री श्री उम्मेद शर्मा ने अपने विचारों के द्वारा सभी आर्य महानुभावों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आज पंजाब की पवित्र भूमि पर ऐसा कार्यक्रम आयोजित हो रहा है जो सम्पूर्ण भारतवर्ष को एक नईई दिशा दे सकता है। राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए ब्रह्म बल और छात्र बल दोनों आवश्यक हैं। पंजाब की भूमि से स्वामी श्र(ानन्द जी ने सर्वं वै पूर्णं की भावना से त्याग का जो आदर्श स्थापित किया है वह अनुकरणीय है। आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के प्रधान मा. रामपाल आर्य जी ने कहा कि मैं स्वामी श्र(ानन्द जी की पावन भूमि को नमन करता हूं। आज हमें इस अवसर पर यह विचार करना है कि वेद प्रचार के कार्यों में जो शिथिलता आईई है उसे कैसे दूर किया जाए? उन्होंने कहा कि हम सभी ने कसम खाईई है कि हम एकजुट होकर आर्य समाज का प्रचार-प्रसार करेंगे। आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा ने 14 वेद प्रचार रथों की स्थापना करके आर्य समाज के कार्य को मजबूती प्रदान की है। वेद प्रचार रथों के माध्यम से हरियाणा के गांव-गांव में प्रचार हो रहा है। 

दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के महामन्त्री श्री विनय आर्य ने विस्तार से आर्य समाज की गतिविधियों को बताते हुए सभी को अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन में पधारने का निमन्त्रण दिया। उन्होंने कहा कि मैं विशेष रूप से जालन्धर की भूमि को नमन करता हूं। श्री विनय आर्य ने आश्वासन दिया कि  पंजाब, हरियाणा और दिल्ली एक ही थे और हमेशा एक ही रहेंगे। हमारी एकता किसी स्वार्थ के लिए नहीं अपितु आर्य समाज की उन्नति के लिए हुईई है। हम तीनों सभाओं के ऊपर आर्य समाज के भविष्य की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अगर आज हम मिलकर आर्य समाज की  उन्नति के लिए कार्य करेंगे तो आने वाली पीढियों को हम पर गर्व होगा। अन्तर्राष्ट्रीय आर्य महासम्मेलन का निमन्त्रण देते हुए उन्होंने कहा कि आप अपने बच्चों, पोते-पोतियों को भी इस अवसर पर साथ लेकर आएं। उन्होंने बड़े उत्साह के साथ सभी कार्यकर्त्ताओं का स्वागत किया। 

सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के प्रधान श्री सुरेशचन्द्र आर्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि 8 फरवरी 2016 को सार्वदेशिक सभा का प्रधान बनने के पश्चात् आज मैं पहली बार पंजाब की भूमि पर पधारते हुए महान् संन्यासी स्वामी श्र(ानन्द जी की भूमि को नमन करता हूं। उन्होंने प्रसन्नता प्रकट करते हुए कहा कि उत्तर भारत की तीनों सभाएं अगर मिलकर आर्य समाज का कार्य करेंगी तो ये पूरे भारतवर्ष का नेतृत्व करते हुए आर्य समाज के कार्य को नईई दिशा देने का कार्य होगा। आज हमें यही चिन्तन करना है कि )षि दयानन्द अकेले थे, स्वामी श्र(ानन्द अकेले थे, प्रचार-प्रसार के सीमित साधन थे परन्तु फिर भी उन्होंने आर्य समाज का इतना कार्य किया है तो हम सभी मिलकर आज के युग में उतना कार्य क्यों नहीं कर सकते। आज हमें आर्य समाज के आध्यात्मिक पक्ष को मजबूत करने की आवश्यकता है। )षि दयानन्द की महिमा गाते हुए उन्होंने भजन की पंक्तियां सुनाईई। मंच का संचालन करते हुए आर्य प्रतिनिधि सभा पंजाब के महामंत्री श्री प्रेम भारद्वाज ने कहा कि पंजाब ने आर्य समाज के संगठन को बहुत से क्रान्तिकारी दिये। देश की आजादी के लिये लगभग 85 प्रतिशत आर्य महानुभावों ने अपना योगदान दिया। कार्यक्रम के अन्त में सभी विशिष्ठ महानुभावों को सत्यार्थ प्रकाश भेंट कर सम्मानित किया गया। सभा उपप्रधान श्री स्वतन्त्र कुमार ने सभी पधारे हुए महानुभावों का धन्यवाद किया। शान्तिपाठ के  साथ कार्यक्रम का सम्पन हुआ।